बाप बूढ़ा हो गया तो घर के बाहर फैंकते, उपयोगी रहा नहीं तो घर के बाहर फैंकते। कल तलक उपयोगी...
Read moreमुकेश कुमार ऋषि वर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। कलमुंही.... नीच जाति ! तुझे कितनी बार मना किया है कि हमारे...
Read moreडॉ. राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। पालन करती माँ सदा, देती सबको ज्ञान।माँ से बढ़कर कौन है,...
Read moreविनय सिंह “विनम्र”, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। सोच से थोडी सी दूरी पर खडी है जिंदगी!आकाश को मुट्ठी में करनें...
Read moreअर्चना त्यागी, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। उन्हें घूमने का बहुत शौंक था। रिश्तेदारियों में भी वह खूब आते जाते थे।...
Read moreमुकेश कुमार ऋषि वर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। वैसे मुझे कोई कविता- फविता करना आता नहीं । हां अगर कहीं...
Read moreमुकेश कुमार ऋषि वर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। दरोगा जी ने सरकारी गाड़ी रुकवा दी। अचानक से गाड़ी रुकने पर...
Read moreमुकेश कुमार ऋषि वर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। कभी गली का गुंडा हुआ करता था हरेराम। एक दिन नेताजी के...
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