सकारात्मक सोच को अपनाइए, चाय ताजा बन रही आ जाइए। साथ में बिस्कुट और मठरियां भी, बात कुछ सुनिए अपनी...
Read moreचाय चतुर्भुज रूप है, कप नारायण जान। भगवन माया केटली, पीजे जल्दी छान।। रोज थकान मिटाती चाय। सबके मन को...
Read moreबचपन की बात बस, बचपने से सीखिए, युवावस्था-आये बुढापा, बचपन ना जाने दीजिये। बचपन की मासूमियत, मुख पर बरकरार हो,...
Read moreसत्ता की खामोशी हमको, उत्तेजित कर जाती है, न्याय तंत्र के रूई कान में, अहसास जता जाती है। भीड़तंत्र की...
Read moreदुकान पान की नहीं है केवल, नगर गांव का दर्पण है, मीठे पान सी मीठी खबरें, तम्बाकू को कड़वी अर्पण...
Read more© 2021 Shiksha Vahini