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शिवपुराण से……. (279) गतांक से आगे…….रूद्र संहिता (प्रथम सृष्टिखण्ड़)

shikshavahini by shikshavahini
February 24, 2021
in अन्तर्राष्ट्रीय, आस्था, धर्म, लाइफ स्टाईल
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शिवपुराण से……. (279) गतांक से आगे…….रूद्र संहिता (प्रथम सृष्टिखण्ड़)

भगवान् शिव का कैलास पर्वत पर गमन तथा सृष्टिखण्ड़ का उपसंहार

गतांक से आगे………..

मुने! तदन्तर श्रीविष्णु के साथ मैं तथा अन्य सब देवता और मुनि मनोवांछित वस्तु पाकर आनन्दित हो भगवान् शिव की आज्ञा से अपने-अपने धाम को चले गये। कुबेर भी शिव की आज्ञा से प्रसन्नतापूर्वक अपने स्थान को गये। फिर वे भगवान् शम्भू, जो सर्वथा स्वतंत्र हैं, योगपरायण और ध्यानतत्पर हो पर्वत प्रवर कैलास पर रहने लगे। कुछ काल बिना पत्नी के ही बिताकर परमेश्वर शिव ने दक्ष कन्या सती को पत्नी रूप में प्राप्त किया। देवर्षे! फिर वे महेेश्वर दक्षकुमारी सती के साथ विहार करने लगे। मुनीश्वर! इस प्रकार मैंने तुमसे यह रूद्र के अवतार का वर्णन किया है, साथ ही उनके कैलास पर आगमन और कुबेर के साथ मैत्री का भी प्रसंग सुनाया है। कैलास के अन्तर्गत होने वाली उनकी ज्ञानवर्धिनी लीला का भी वर्णन किया, जो इहलोक और परलोक में सदा सम्पूर्ण मनोवांछित फलों को देने वाली है। जो एकाग्रचित्त हो इस कथा को सुनता या पढ़ता है, वह इस लोक में भोग पाकर परलोक में मोक्ष लाभ करता है।                                                                (अध्याय 20) रूद्र संहिता का सृष्टिखण्ड सम्पूर्ण।

रूद्र संहिता, द्वितीय (सती) खण्ड

नारदजी के प्रश्न और ब्रह्माजी के द्वारा उनका उत्तर, सदाशिव से त्रिदेवों की उत्पत्ति तथा ब्रह्माजी से देवता आदि की सृष्टि के पश्चात एक नारी और एक पुरूष का प्राकट्य

(शेष आगामी अंक में)

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