Friday, May 27, 2022
  • Login
Shiksha Vahini
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
    • कविता
    • लेख
    • सामाजिक
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
    • आगरा
    • गोरखपुर
    • चन्दौली
    • जौनपुर
    • नोएडा
    • प्रयागराज
    • बागपत
    • मथुरा
    • मिर्जापुर
    • मुजफ्फरनगर
    • मेरठ
  • उत्तराखण्ड़
    • अल्मोडा
    • देहरादून
  • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • राजस्थान
  • धर्म
    • आस्था
  • आर्थिक
  • Epaper
No Result
View All Result
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
    • कविता
    • लेख
    • सामाजिक
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
    • आगरा
    • गोरखपुर
    • चन्दौली
    • जौनपुर
    • नोएडा
    • प्रयागराज
    • बागपत
    • मथुरा
    • मिर्जापुर
    • मुजफ्फरनगर
    • मेरठ
  • उत्तराखण्ड़
    • अल्मोडा
    • देहरादून
  • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • राजस्थान
  • धर्म
    • आस्था
  • आर्थिक
  • Epaper
No Result
View All Result
Shiksha Vahini
No Result
View All Result

सहनशीलता की मिसाल

shikshavahini by shikshavahini
February 22, 2021
in लाइफ स्टाईल, लेख, सामाजिक
0
अर्पण और समर्पण

कुँवर आरपी सिंह, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

जापान के सम्राट यामातो के एक मंत्री ओ-चो-शान का परिवार सौहार्द के लिए बहुत मशहूर था। उनके परिवार में लगभग एक हजार सदस्य थे, परन्तु उनके बीच एकता का अटूट सम्बंध था। उसके परिवार के सभी सदस्य साथ साथ ही रहते और एकसाथ ही खाना खाते थे। इस परिवार के किस्से दूर दूर तक फैल गये। इस परिवार के सौहार्द की ये बात जब सम्राट यामातो तक भी पहुँची। सत्य की जाँच के लिए एक दिन सम्राट स्वयं अपने इस बुजुर्ग मंत्री के घर आ पहुँचे।
स्वागत-सत्कार और शिष्टाचार की रस्में पूरी होने के बाद, सम्राट यामातो ने पूछा-ओचोसान! मैंने आपके परिवार की एकता और मिलनसारिता की ढ़ेरों कहांनियां सुनी है। क्या आप बतायेंगे कि एक हजार सदस्यों वाले आपके परिवार में यह सौहार्द और स्नेह सम्बंध आखिर किस तरह से बना हुआ है? ओचोसान वृद्धावस्था के कारण ज्यादा देर तक बात नहीं कर सकते थे, इसलिये उसने अपने पौत्र को संकेत से कलमदावात और कागज लाने को कहा। जब पौत्र वह चीजें ले आया तो मंत्री ने अपने काँपते हांथो से करीबन सौ शब्द लिखकर कागज सम्राट की ओर बढ़ा दिया। सम्राट यामातो अपनी जिज्ञासा को दबा न पाये, उन्होंने फौरन उसे पढ़ा और चकित रह गये।
दरअसल मंत्री ने उस कागज पर सौ बार एक ही शब्द को लिखा था और वह शब्द था सहनशीलता। सम्राट को अवाक् देख मंत्री ने कांफती आवाज में कहा-मेरे परिवार का सौहार्द रहस्य सिर्फ इसी सहनशीलता में छिपा है। यही महामंत्र हमारी एकता का मूलमंत्र है। परिवार और समाज को एकता के धागे में सदा पिरोये रखें।

राष्ट्रीय अध्यक्ष जय शिवा पटेल संघ

Post Views: 38
Previous Post

सहकारिता भर्ती घोटाले में नप सकते हैं कई अफसर

Next Post

तम्बाकू सेवन व धूम्रपान से हानिया विषय पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित

Next Post
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन स्व-रोजगार योजना के अन्तर्गत प्राप्त ऋण आवेदकों का साक्षात्कार 22-23 फरवरी को

तम्बाकू सेवन व धूम्रपान से हानिया विषय पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित

  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड़
  • राज्य
  • धर्म
  • आर्थिक
  • Epaper

© 2021 Shiksha Vahini

No Result
View All Result
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
    • कविता
    • लेख
    • सामाजिक
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
    • आगरा
    • गोरखपुर
    • चन्दौली
    • जौनपुर
    • नोएडा
    • प्रयागराज
    • बागपत
    • मथुरा
    • मिर्जापुर
    • मुजफ्फरनगर
    • मेरठ
  • उत्तराखण्ड़
    • अल्मोडा
    • देहरादून
  • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • राजस्थान
  • धर्म
    • आस्था
  • आर्थिक
  • Epaper

© 2021 Shiksha Vahini

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In