Thursday, May 26, 2022
  • Login
Shiksha Vahini
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
    • कविता
    • लेख
    • सामाजिक
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
    • आगरा
    • गोरखपुर
    • चन्दौली
    • जौनपुर
    • नोएडा
    • प्रयागराज
    • बागपत
    • मथुरा
    • मिर्जापुर
    • मुजफ्फरनगर
    • मेरठ
  • उत्तराखण्ड़
    • अल्मोडा
    • देहरादून
  • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • राजस्थान
  • धर्म
    • आस्था
  • आर्थिक
  • Epaper
No Result
View All Result
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
    • कविता
    • लेख
    • सामाजिक
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
    • आगरा
    • गोरखपुर
    • चन्दौली
    • जौनपुर
    • नोएडा
    • प्रयागराज
    • बागपत
    • मथुरा
    • मिर्जापुर
    • मुजफ्फरनगर
    • मेरठ
  • उत्तराखण्ड़
    • अल्मोडा
    • देहरादून
  • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • राजस्थान
  • धर्म
    • आस्था
  • आर्थिक
  • Epaper
No Result
View All Result
Shiksha Vahini
No Result
View All Result

डीएम पर भारी नगर पालिका का अधिशासी अधिकारी

shikshavahini by shikshavahini
November 27, 2020
in राष्ट्रीय
0
डीएम पर भारी नगर पालिका का अधिशासी अधिकारी


शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार व लापरवाही पर नो टाॅलरेंस पर सरकार कितना भी शोर मचाले, लेकिन सच्चाई इससे काफी उलट है। किसी अफसर की शिकायत कोई आम आदमी करे तो आरोपी अपने सीनियर को यह समझाने की कोशिश करता है कि शिकायतकर्ता उससे गलत काम कराना चाहता था, उन्होंने नहीं किया तो वह गलत शिकायत कर रहा है और जिम्मेदार अफसर अक्सर आरोपी को निर्दोष मान लेते हैं। नतीजा आरोपी अफसर बिना किसी जांच के ही पाक-साफ घोषित कर दिया जाता है, लेकिन यहां मामला कुछ अलग है। यहां तो खुद जिलाधिकारी ने नगर पालिका के एक अधिशासी अधिकारी को भ्रष्ट, लापरवाह और घोषित करते हुए विभागीय प्रमुख को पत्र लिखा, लेकिन नतीजा ढ़ाक के तीन पात जैसा ही निकला। यानी ईओ श्रीमान जिलाधिकारी को आज भी अपने पद बादस्तूर बरकरार रहते हुए मानों ठेंगा दिखा रहे हों कि कर लो, जो करना हो, हम भी हम हैं।
जी हां! हम बात कर रहे हैं खतौली नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी जय प्रकाश यादव की। बता दें कि जेपी यादव को 26 फरवरी 2019 में प्रतिनियुक्ति पर अस्थाई तौर पर अधिशासी अधिकारी नियुक्त किया गया था। जिलाधिकारी सेल्वाकुमारी जयाराजन ने नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि नगर पालिका अध्यक्ष ने नगर विकास मंत्री को पत्र लिखकर अधिशासी अधिकारी जय प्रकाश यादव की शिकायत की थी, जिसमें ईओ द्वारा शासनादेशों का उल्लंघन करने, नियम विरूद्ध कार्य करने, जनहित के कार्यों में अडंगा डालने के आरोप लगाये थे। नगर विकास मंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी सेल्वाकुमारी जयाराजन ने पूरे प्रकरण की जांच उपजिलाधिकारी से करायी गयी थी। जांच अधिकारी ने सभी आरोपों को सही पाया था और जांच आख्या तत्समय ही 30 जनवरी 2020 को शासन को भी भेज दी गयी थी, लेकिन इसे अधिशासी अधिकारी का रूतबा कहें, या क्षेत्रीय अफसरों (आईएएस-पीसीएस) की अनदेखी, कि नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी जिलाधिकारी पर भी भारी साबित हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो परिवार कल्याण विभाग में सामुदायिक केन्द्र हाटा जनपद कुशीनगर में सेवारत स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद सेवारत देवरिया के ग्राम सिंहपुर निवासी जय प्रकाश यादव अपने मूल विभाग में भी खासे चर्चित रहे हैं। वहां भी इनके द्वारा मनमानी करना व इनके खिलाफ शिकायतें होना आम बात रही है।
जिलाधिकारी ने नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि इससे इतर भी अधिशासी अधिकारी जेपी यादव के खिलाफ अक्सर शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। जिलाधिकारी ने पत्र में स्पष्ट कहा है कि जनहित एवं निकाय कार्य के हित में जयप्रकाश यादव का अधिशासी अधिकारी के पद पर बने रहना उचित नहीं है। उन्होंने नगर विकास विभाग के हैड़ को की गयी अपनी संस्तुति में कहा था कि अधिशासी अधिकारी जय प्रकाश यादव द्वारा निकाय का कार्य सुचारू रूप से सम्पादित नहीं किया जा रहा है, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। जनहित एवं शासकीय हित में श्री यादव की प्रतिनियुक्ति पर तैनाती अवधि बढाया जाना जरा प्रतीत नही होता है। इसलिए जयप्रकाश यादव के स्थान पर किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद खतौली के पद पर की जाये।
नगर के वार्ड 11 के सभासद पुत्र व ऐसी वार्ड के पूर्व सभासद अनुज सहरावत की मानें तो अधिशासी अधिकारी जेपी यादव की लचर कार्यशैली का परिणाम ये है कि नगर में सफाई व प्रकाश व्यवस्था सबसे निम्नतर स्थिति में है। उन्होंने बताया कि ईओ आम आदमी तो दूर सभासदों तक को अपना मातहत कर्मचारी ही मानते हैं। उन्होंने कहा कि अधिशासी अधिकारी जय प्रकाश यादव को इस पद से विमुक्त होना ही चाहिए। जानकारों की मानें तो जनपद के सभी कार्यों के लिए जिलाधिकारी का ही जिम्मेदार माना जाता है, ऐसे जिलाधिकारी की संस्तुति के बावजूद नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति समाप्त करके उसे मूल विभाग में भेजा जाना तो दूर जनपद से अन्यत्र ट्रांसफर तक नहीं किया जाना किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है, क्योंकि दोनों हाथों से जनता व सरकारी खजाने को लूटकर उसमें से कुछ हिस्सा जिम्मेदारों को पहुंचाकर मनमानी करने का सिलसिला पुराना है।

Post Views: 184
Previous Post

विद्योत्तमा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शक्ति चैम्पियंस को बैज वितरित किये

Next Post

हिमाचल के हमीरपुर की माटी से जुड़े हैं न्यूज़ीलैण्ड में सांसद बने डॉ. गौरव शर्मा, संस्कृत में शपथ ग्रहण करने पर पांगणा वासियों ने दी बधाई

Next Post
हिमाचल के हमीरपुर की माटी से जुड़े हैं न्यूज़ीलैण्ड में सांसद बने डॉ. गौरव शर्मा, संस्कृत में शपथ ग्रहण करने पर पांगणा वासियों ने दी बधाई

हिमाचल के हमीरपुर की माटी से जुड़े हैं न्यूज़ीलैण्ड में सांसद बने डॉ. गौरव शर्मा, संस्कृत में शपथ ग्रहण करने पर पांगणा वासियों ने दी बधाई

  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड़
  • राज्य
  • धर्म
  • आर्थिक
  • Epaper

© 2021 Shiksha Vahini

No Result
View All Result
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
    • कविता
    • लेख
    • सामाजिक
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
    • आगरा
    • गोरखपुर
    • चन्दौली
    • जौनपुर
    • नोएडा
    • प्रयागराज
    • बागपत
    • मथुरा
    • मिर्जापुर
    • मुजफ्फरनगर
    • मेरठ
  • उत्तराखण्ड़
    • अल्मोडा
    • देहरादून
  • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • राजस्थान
  • धर्म
    • आस्था
  • आर्थिक
  • Epaper

© 2021 Shiksha Vahini

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In