Thursday, May 26, 2022
  • Login
Shiksha Vahini
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
    • कविता
    • लेख
    • सामाजिक
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
    • आगरा
    • गोरखपुर
    • चन्दौली
    • जौनपुर
    • नोएडा
    • प्रयागराज
    • बागपत
    • मथुरा
    • मिर्जापुर
    • मुजफ्फरनगर
    • मेरठ
  • उत्तराखण्ड़
    • अल्मोडा
    • देहरादून
  • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • राजस्थान
  • धर्म
    • आस्था
  • आर्थिक
  • Epaper
No Result
View All Result
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
    • कविता
    • लेख
    • सामाजिक
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
    • आगरा
    • गोरखपुर
    • चन्दौली
    • जौनपुर
    • नोएडा
    • प्रयागराज
    • बागपत
    • मथुरा
    • मिर्जापुर
    • मुजफ्फरनगर
    • मेरठ
  • उत्तराखण्ड़
    • अल्मोडा
    • देहरादून
  • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • राजस्थान
  • धर्म
    • आस्था
  • आर्थिक
  • Epaper
No Result
View All Result
Shiksha Vahini
No Result
View All Result

सत्य की रोशनी

shikshavahini by shikshavahini
November 23, 2020
in राष्ट्रीय
0

कुँवर आरपी सिंह, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

सत्य की एक किरण ही मन और भ्रम का अन्धेरा भगाने में पर्याप्त है। बड़े बड़े ग्रंन्थों का बार बार किये जाने वाला अध्ययन भी जो नहींं कर पाता ,सत्य की एक झलक वह कर दिखाती है। अंधेरे में रोशनी के लिए प्रकाश का वर्णन करने वाले शास्त्र किसी काम के नहीं, मिट्टी का एक दिया जलाना ही काफी है।
           रॉल्फ वाल्डो इमर्शन के व्याख्यानों में एक बूढ़ी धोबन निरन्तर देखी जाती थी। लोगों को हैरानी हुई कि एक अनपढ़ बूढ़ी औरत ईमर्सन की गम्भीर वार्ताओं को भला क्या समझती होगी? कुछ उसकी हँसी उडा़ते, कुछ ऐसे भी थे, जो जानना चाहते थे कि उसकी समझ में क्या आता है? आखिर एक दिन किसी ने उससे पूँछ ही लिया कि उसकी समझ में क्या आता है? उस बूढ़ी धोबन ने जो उत्तर दिया वह अद्भुत था। इतना अद्भुत कि सब उसे देखते ही रह गये। उसने कहा मैं जो नहीं समझती, उसे क्या बताऊँ, लेकिन एक बात मैं खूूब समझ गयी हूँ, पता नहीं, दूसरे उसे समझते हैं या नहीं? मैं तो अनपढ़ हूँ,  लेकिन मेरे लिये एक बात ही काफी है, जिसने मेरा सारा जीवन बदल दिया। वह यह है कि मैं प्रभु से  दूर नहीं हूँ। एक अज्ञानी दरिद्र स्त्री से भी प्रभु दूर नहीं है, निकट ही है और मुझमें है। यह एक छोटा सा सत्य मेरी समझ में आ गया। यह सबसे गौरवशाली और संतोष देने वाली बात है, इसलिये कुछ और खोजने की जरूरत नहीं रही। जो लोग बहुत जानने में लगे रहते हैं, वे अक्सर सत्य की छोटी सी रोशनी से वंचित रह जाते हैं, जिससे जीवन में परिवर्तन और बोध के नये आयाम उद्घाटित होते हैं।
 रा.अध्यक्ष *जय शिवा पटेल संघ
Post Views: 105
Previous Post

डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक वीर सिंह कि अपील: पेंशनर घर बैठे बनवाए जीवन प्रमाण पत्र

Next Post

आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज के लिए भावपूर्ण विनयांजलि आयोजित

Next Post
आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज के लिए भावपूर्ण विनयांजलि आयोजित

आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज के लिए भावपूर्ण विनयांजलि आयोजित

  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखण्ड़
  • राज्य
  • धर्म
  • आर्थिक
  • Epaper

© 2021 Shiksha Vahini

No Result
View All Result
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • अपराध
  • लाइफ स्टाईल
    • कविता
    • लेख
    • सामाजिक
  • दिल्ली
  • उत्तरप्रदेश
    • आगरा
    • गोरखपुर
    • चन्दौली
    • जौनपुर
    • नोएडा
    • प्रयागराज
    • बागपत
    • मथुरा
    • मिर्जापुर
    • मुजफ्फरनगर
    • मेरठ
  • उत्तराखण्ड़
    • अल्मोडा
    • देहरादून
  • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • राजस्थान
  • धर्म
    • आस्था
  • आर्थिक
  • Epaper

© 2021 Shiksha Vahini

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In