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अमावस्या के गहन अंधकार में छोटे-छोटे दीप जलाना, एसडी कालेज आॅफ इन्जिनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी में दीपोत्सव परिवार मिलन एवं काव्य गोष्ठी आयोजित

shikshavahini by shikshavahini
November 1, 2021
in राष्ट्रीय
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शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी कालेज आॅफ इन्जिनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी में संस्कार भारती (सृजन) के तत्वाधान में शुभ पर्व दीपावली के उपलक्ष में आयोजित दीपोत्सव परिवार मिलन एवं काव्य गोष्ठी का शुभारंभ संस्कार भारती के प्रान्तीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार आचार्य, संयोजक डा0 अ0 कीर्तिवर्धन, संस्थान के अधिशासी निदेशक तथा गोष्ठी के अध्यक्ष प्रो0 (डा0) एसएन चौहान, संस्कार भारती के अध्यक्ष परविन्द्र दहिया सहित बतौर विशिष्ट अतिथि डा0 अलका जैन, डा0 रणवीर सिंह व संस्थान के प्राचार्य डा0 ए0के0 गौतम ने ज्ञान की देवी सरस्वती माँ की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया। रामकुमार रागी, प्रमोद कुमार शर्मा, विनीत भारद्वाज, प्रतिभा त्रिपाठी, पंकज शर्मा, सुमन युगल, राहुल विशिष्ठ व जितेन्द्र पाण्डेय आमंत्रित अतिथियों में शामिल रहे।


गोष्ठी के संयोजक डा0 अ0 कीर्तिवर्धन ने दीपावली की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए अपने वयक्तव का समापन ’अमावस्या के गहन अंधकार में छोटे-छोटे दीप जलाना’ पंक्तियों से किया। बतौर मुख्य अतिथि महेन्द्र आचार्य ने कहा कि धनतेरस यानि धनवन्तरी जी का जन्म दिवस, छोटी दीपावली यानि नरकाचैदस फिर बड़ी दीपावली सबका अपना एक इतिहास है। उन्होंने कहा कि धनवंतरी से आरोग्य की कामना, नरकाचौदस पर मोक्ष की कामना व दीपावली पर माँ लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है। उन्होने माँ की पावन आरती व ‘जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना अंधेरा धरा पर कहीं न रह जाये‘ कविता सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया।


संस्थान के अधिशासी निदेशक तथा गोष्ठी के अध्यक्ष प्रो0 (डा0) एसएन चौहान ने कहा कि जब तक हम आज की पीढ़ी को इस सनातन परम्परा के इतिहास से अवगत नही कराते हैं, तब तक उसका स्पष्ट परिणाम नही मिलता है वे कालान्तर में ये धरोहर धूमिल हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि सभी को अपने वर्तमान व भविष्य को गौरवान्वित करने की दिशा में भी काम करना चाहिये। उन्होंने आहवान किया कि नयी पीढ़ी इन परम्पराओं से जुड़े मंदिर व गोशालाओं में दीपक जलायें। उन्होंने कहा कि ये सब हमें ही करना होगा। उन्होंने आओ इस दीवाली कुछ और करें से श्रोताओं में नयी चेतना का संचार किया। संस्कार भारती के अध्यक्ष परविन्द्र दहिया ने सामाजिक चेतना जैसे बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।


बतौर विशिष्ट अतिथि डा0 अलका जैन ने कहा कि चेतना के आंगन में जब कलम डुबकी लगाती है, तब कविता का श्रंगार होता है। उन्होंने कहा कि जैसे दीप बिना भेदभाव के चहुँ ओर उजाला करता है वैसे ही हमें बिना भेदभाव के समाज को समृद्ध बनाना चाहिये। डा0 रणवीर सिंह ने दीपोत्सव के मूल रूप में स्थित मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम का उदाहरण देते हुये सभी का मर्यादित रहने की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि भीलनि के बेर खाकर भगवान राम ने एक संदेश दिया कि सर्व धर्म समभाव का पालन करें तो समाज को सही दशा व दिशा दी जा सकती है। संस्थान के प्राचार्य डा0 एके गौतम ने कहा कि ये पर्व हर्षोल्लास एवं बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है।


कार्यक्रम में डा0 पीके पुंडीर, डा0 आरटीएस पुंडीर, डा0 योगेश शर्मा, डा0 विकास कुमार, अभिषेक राय, डा0 प्रगति शर्मा, मनोज झा, अंकुर सक्सेना, डा0 संदीप कुमार, डा0 नितिन गुप्ता, पारूल गुप्ता, बबलू कुमार, अमित गुप्ता, नीरज कुमार, जितेन्द्र कुमार, अंकित गर्ग, विकुल कुमार, संगीता अग्रवाल, शिवानी कौशिक, आकृति शर्मा, राजेन्द्र कुमार, प्रवीण कुमार, मनोज कुमार, मौ0 मुर्सलीन, अनुज कुमार, धीरज कुमार, आकाश कुमार, ब्रजमोहन, गोपाल आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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