कुंवर ऋषभ सिंह, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
आज हम सब लोग भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल 146 वीं जयंती मना रहे हैं, जिन्होंने इस देश की 562 छोटी बड़ी रियासतो को देश की अखंडता के लिए एक सूत्र में पिरोया तथा देश के प्रत्येक नागरिक को समान मानवाधिकार देने वाले महान युगपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल को कोटि कोटि प्रणाम, लेकिन हमारे समाज का दुर्भाग्य है या हम सब लोगों दुर्भाग्य है कि हम समाज के दस लोगों को एक सूत्र में नहीं बांध पाएं, जबकि हम उस महान सपूत की जयंती सभी मनाने जा रहे हैं, जिसने इस देश की रियासतो को एक जुट करना असम्भव दिख रहा था। वह काम सरदार पटेल ने सम्भव कर दिखाया था। आज हमारा समाज गर्व से सर ऊंचा करके कहता है कि हम उसी पटेल समाज से हैं। हम सब आपसी मतभेद भुलाकर संगठित होकर अपनी ताकत का एहसास सत्ता में बैठे हुए लोगों को इसका एहसास कराये कि हम सब एक हैं।
समाज में किसी न किसी को लौह पुरुष तो बनना पड़ेगा। हमें एक और सरदार वल्लभभाई पटेल समाज में पैदा करना पड़ेगा, नहीं तो हमारा समाज इसी तरह बिखरा रहेगा और हम दूसरों के शोषण के शिकार होते रहेंगे।
आप सभी से विनम्र निवेदन है कि हम सब एकजुट हो और समाज को जागरूक व एकजुट करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।
बौडरा रियासत (स्टेट), अतरौलिया, (आजमगढ़) उत्तर प्रदेश