शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने बताया कि खाद्य तथा रसद विभाग के अपर आयुक्त द्वारा धान कय नीति में कुछ संशोधन किये गये है। जिसके तहत धान क्रय केन्द्रों पर सप्ताह में 04 दिन सोमवार से बृहस्पतिवार तक एक किसान से अधिकतम 50 कुन्तल धान की मात्रा क्रय किये जाने की सीमा को विलोपित कर दिया गया है । अब किसान बन्धु सप्ताह के प्रत्येक दिन 50 कुन्तल से अधिक धान बेच सकेंगे।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने बताया कि धान क्रय नीति के प्रस्तर संख्या -4 में संशोधन के उपरान्त पीसीएफ, यूपीएसएस, पीसीयू द्वारा पैक्स या सहकारी क्रय विक्रय समिति जो कि सीधे सहकारिता विभाग के शासकीय नियंत्रण में है, के माध्यम से धान क्रय किया जाएगा। इसके अतिरिक्त निबन्धक सहकारी समितियाँ, पंजीकृत सहकारी समितियां व केन्द्रीय निबन्धक, सहकारिता, कृषि भवन, नई दिल्ली के यहां पंजीकृत मल्टी सेक्टोरल, मल्टी स्टेट कोपरेटिव सोसाइटी खाद्य विभाग व अन्य क्रय एजेन्सियों से सम्बद्ध होकर धान क्रय कर सकेंगे। पंजीकृत सहकारी समितियां एवं पंजीकृत मल्टी सेक्टोरल, मल्टी स्टेट को-आपरेटिव सोसायटीज अच्छी शाख व आर्थिक स्थिति की होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि धान क्रय नीति के प्रस्तर संख्या 4.10 में संशोधन के उपरान्त रबी विपणन वर्ष 2021-22 हेतु जारी शासनादेश में दी गयी शर्तों एवं क्रय के सम्बन्ध में निर्धारित मात्रा के अनुसार फारमर्स प्रोड्यूसर आर्गनाईजेशन, फारमर्स प्रोड्यूसर कम्पनी धान क्रय करेंगे। खाद्यान्न क्रय हेतु आवेदन करने की तिथि तक 01 वर्ष का कार्यानुभाव पूर्ण हो चुका हो तथा आवेदन करने की तिथि तक शेयर धारक बने होंगे। इसके साथ ही धान क्रय नीति के प्रस्तर संख्या- 7.12 में संसोधन के उपरान्त किसान अपनी सुविधा के अनुसार अपने जनपद या सटे हुए जनपद के किसी क्रय केन्द्र पर अपना धान टोकन प्राप्त कर बेच सकेगा, परन्तु यदि कोई किसान किसी केन्द्र पर एक बार अपना धान बेच लेता है तो उसे अगली बार भी उत्पादित धान की शेष मात्रा उसी केन्द्र पर बेचनी होगी।